वटे लुदिया नाम की एक लुगई ही, जो थुआतीरा नगर की ही, ज्या रेसम का गाबा बेंचती अन भगती करबावाळी ही। परमेसर वींका मन में आ बात नाकी के, वा पोलुस की बाताँ ने ध्यानऊँ हुणे।
काँके मसी मने बतिस्मा देबा का वाते ने पण हव हमच्यार हुणाबा का वाते खन्दायो हे अन यो भी मनकाँ का ग्यानऊँ ने। यद्याँ मूँ अस्यान करूँ तो मसी को हूळी चड़णो बेकार वेई।