अन यद्याँ कुई खुद ने परमेसर का आड़ीऊँ बोलबावाळो जाणे अन वींने आत्मिक वरदान भी मल्यो वे तो वींने ओ जाण लेणो छावे के, मूँ थाँने ज्यो कई भी लिकरियो हूँ, ओ परबू की आग्या हे।
हो भायाँ, मूँ थाँकाऊँ वस्यान बात ने कर सक्यो जस्यान आत्मिक मनकाँऊँ करूँ हूँ, पण मने थाँकाऊँ वस्यान बात करणी पड़ी जस्यान सांसारिक मनक करे हे अन ज्यो अबाणू मसी में नवा विस्वासी हे।
ईं वाते जद्याँ तईं परबू ने आवे वणीऊँ पेल्याँ किंको भी न्याव मती करो। वीं तो अदंकार में हपी तकी बाताँ ने भी उजिता में दिकाई अन मना की बाताँ भी हामे लाई अन वणी दाण परमेसर का आड़ीऊँ हरेक की बड़ई वेई।
हो भायाँ, यद्याँ कुई मनक कस्याई पाप में पकड़यो जावे, तो ज्यो थाँ आत्मिक हो थाँने अस्यान करणो छावे के, थाँ दया-भावऊँ वींने पाछो धरम का गेला पे लाबा का वाते वींकी मदत करो, ताँके वो पाछो धरम का गेला में आ जावे। थाँ आपणाँ खुद को भी ध्यान राकज्यो के, थाँ परक में ने पड़ो।
ईं वाते जणी दनऊँ माँ थाँका बारा में ओ हुण्यो, वीं दनऊँ थाँका वाते परातना करणी ने छोड़ी। माँकी परमेसरऊँ याईस परातना हे के, हाराई आत्मिक ग्यान अन हमज का हाते परमेसर आपणी मनसा का ग्यानऊँ थाँने भर दे।
हो मारा प्यारा भायाँ, हरेक आत्मा को विस्वास मती करो, पण हरेक आत्माने परको के, वाँ परमेसर का आड़ीऊँ हे के ने। मूँ यो थाँकाऊँ ईं वाते केरियो हूँ, काँके नरई जूटा परमेसर का आड़ीऊँ बोलबा ईं दनियाँ में हे।