14 पण देह को मनक परमेसर की आत्मा की बाताँ गरण ने करे, काँके वीं बाताँ वींकी देकणी में बेण्डापणा की बाताँ हे अन ने वो वाँने जाण सके हे काँके वाँ बाताँ की परक आत्मिक रितऊँ वेवे हे।
वाँ पुवितर आत्मा हे। ज्या दनियाने ने मल सके हे, काँके दनियाँ वींने ने देक सके हे अन ने ओळके हे। पण थाँ वींने ओळको हो, काँके वाँ थाँका लारी रेई अन वाँ थाँकामें वास करी।”
वटे लुदिया नाम की एक लुगई ही, जो थुआतीरा नगर की ही, ज्या रेसम का गाबा बेंचती अन भगती करबावाळी ही। परमेसर वींका मन में आ बात नाकी के, वा पोलुस की बाताँ ने ध्यानऊँ हुणे।
तद्याँ इपिकुरी अन स्तोकी का थोड़ाक अकलमन्द मनक वींकाऊँ आपणी बात-बच्यार किदी अन क्यो, “ओ बेण्डो कई केणो छारियो हे”। पण दूजाँ क्यो “ओ दूजाँ देवी-देवताँ का बारा में बतावे हे”। वे अस्यान ईं वाते केरिया हा, काँके वो ईसू का बारा में अन वींके पाछो जीवतो वेबा को हव हमच्यार हुणारियो हो।
परमेसर अस्यान होच-हमजन ते कर राक्यो हो के, अणी दनियाँ का मनक आपणाँ ग्यानऊँ परमेसर ने ने जाण पाई, तो परमेसर ने ओ बड़िया लागो के, ईं तरिया परच्यार का जरिये ज्यो आपाँ कराँ हा, ज्यो परच्यार दनियाँ का मनकाँ की नजराँ में मुरकता हे, ईंपे विस्वास करबावाळा मनकाँ ने बचावे।
अन जणी देह ने ईं धरती में गाड़ीगी हे वाँ देह गारा की हे, पण जद्याँ वीं देह ने पाच्छी जीवती किदी गी हे, तो वाँ देह आत्मिक हे। यद्याँ गारा की देह वेवे, तो आत्मिक देह भी वेवे हे।
हो भायाँ, मूँ थाँकाऊँ वस्यान बात ने कर सक्यो जस्यान आत्मिक मनकाँऊँ करूँ हूँ, पण मने थाँकाऊँ वस्यान बात करणी पड़ी जस्यान सांसारिक मनक करे हे अन ज्यो अबाणू मसी में नवा विस्वासी हे।
जद्याँ तईं थाँकी बात हे, थाँको अभिसेक वणीऊँ हे ज्या पुवितर आत्मा थाँकामें वास करे हे, ईं वाते थाँने तो ओ जरूत कोयने के, कुई उपदेस देवे, पण थाँने तो ज्यो आत्मा दिदी गी हे, वाँ यो हारोई हिकावे हे। आद राको आत्मा जो हिकावे हे, वो हाँच हे जूट कोयने हे। आत्मा की हिकावण ने मानो अन मसी में बण्या तका रेवो।
अणी बात ने भी आपाँ जाणा हाँ के, परमेसर का बेटा ईसू मसी आया अन आपाँने हमज दिदी, जणीऊँ हाँचा परमेसर ने जाण सका अन आपाँ वींके हाते रेवा ज्यो हाँचो हे मतलब वींका बेटा ईसू मसी का हाते। योईस हाँचो परमेसर अन अनंत जीवन देबावाळो हे।