पण परमेसर वणा मनकाँ ने चुण लिदा ज्याँने दनियाँ की नजराँ में मुरक हमज्या जावे हे, ताँके वीं दनियाँ का ग्यानवाळा ने लाजा मारे अन परमेसर दनियाँ की नजराँ में कमजोर हमज्या जाबावाळा ने चुण लिदा, ताँके वीं दनियाँ का तागतवराँ ने लाजा मारे।
ईं दनियाँ को सेनापती ज्यो सेतान हे, वो वणा मनकाँ की अकल ने बन्द कर मेली हे जीं विस्वास ने करे हे। जणीऊँ वीं परमेसर का रूप में मसी ने अन वाँकी मेमावान उजिता का हव हमच्यार ने ने देक सके।
थाँ पेल्याँ दनियाँ का हूँगला नेमा पे चालता हा। अन वीं वादळा की आत्मिक सगत्याँ का राजा ने मानता हा, ज्यो आत्मा लोगाँ ने अबे परमेसर को मान ने करबा का वाते मजबूर करती ही।
जद्याँ तईं थाँकी बात हे, थाँको अभिसेक वणीऊँ हे ज्या पुवितर आत्मा थाँकामें वास करे हे, ईं वाते थाँने तो ओ जरूत कोयने के, कुई उपदेस देवे, पण थाँने तो ज्यो आत्मा दिदी गी हे, वाँ यो हारोई हिकावे हे। आद राको आत्मा जो हिकावे हे, वो हाँच हे जूट कोयने हे। आत्मा की हिकावण ने मानो अन मसी में बण्या तका रेवो।