काँके मसी मने बतिस्मा देबा का वाते ने पण हव हमच्यार हुणाबा का वाते खन्दायो हे अन यो भी मनकाँ का ग्यानऊँ ने। यद्याँ मूँ अस्यान करूँ तो मसी को हूळी चड़णो बेकार वेई।
ज्यो मनक मारो विरोद करे हे वीं केवे हे के, “वींका कागद तो जोरदार अन नरोगा रूपऊँ लिक्या तका वेवे हे पण जद्याँ वो हामे आवे हे तो वो देह में कमजोर अन बोलबा में भी अतरो खास ने दिके हे।”
मूँ यहुन्नो ज्यो थाँको भई हूँ मूँ ईसू के दुक में, धीरज में अन राज में थाँको हण्डाळ्यो हूँ। मने देस निकाळो दिदो ग्यो, जिंकी वजेऊँ मूँ पत्तमुस नाम का टापू में हूँ। काँके मूँ परमेसर का वसन अन ईसू मसी की गवई थाँने देतो हो।
तद्याँ मूँ वींकी जे-जेकार करतो तको वीं हरग-दुत का आगे धोक लाग्यो। पण वणी माराऊँ क्यो, “अस्यान मती करे! काँके मूँ तो थाँरो अन थाँरी हण्डाळ्याँ का हाते परमेसर को दास हूँ। जणापे ईसू मसी की गवई देबा की जिमेदारी हे। थूँ परमेसर के धोक लाग, काँके ईसू मसी की गवई आगेवाणी की आत्मा हे।”