17 स्तिपनूस, फरतूनातूस अन अखईकूस का आबाऊँ मूँ घणो राजी हूँ, काँके ज्यो थाँ मारा वाते कर ने सक्या हो वो वणा करन बतायो हे, काँके थाँ मारा लारे ने हा।
अन में स्तिपनूस का घराणा ने भी बतिस्मो दिदो अणाने छोड़न, मूँ ने जाणूँ हूँ के, में ओरी किंने बतिस्मो दिदो हे।
जद्याँ मूँ थाँका नके हो तो मने कमी वीं हे तद्याँ भी में थाँका पे कई बोज ने नाक्यो, काँके मारा भायाँ मकिदुनियाऊँ आन मारी वणी कमी ने पुरी किदी हे। में हरेक दाण खुद ने थाँका पे बोज बणाबाऊँ रोक्यो, अन आगे भी रोक्यो रेऊँ।
पण दन-दक्या मनकाँ ने सक सान्ती देबावाळा परमेसर तीतूस ने मारा नके खन्दान मारी हिम्मत बड़ई हे।
काँके वो मसी का काम वाते आपणाँ जीव ने अबकी टेम में नाकन मोत का भड़े आग्यो हो, ताँके थाँकी ओरुँ ज्या कमी सेवा में रेगी ही वींने पुरी करे।
मूँ हव हमच्यार का वाते जेल में हूँ, मूँ वींने आपणाँ नकेईस राकणो छारियो हो, ताँके वो थाँकी जगाँ में मारी सेवा करे।