6 अन वाँने दिकबा का केड़े वीं पानस्येऊँ हेला विस्वासी भायाँ ने जद्याँ वीं एक हाते हा, वाँने दिक्यो अन वणा मेंऊँ नरई तो अबाणू तईं जीवता हे, पण कुई तो सांत वेग्या।
हो भायाँ-बेना, माँ छावाँ हाँ के, थाँ मरिया तका विस्वासी भायाँ का पाच्छा जी उठबा का हाँच ने जाणो, जणीऊँ थाँ बना विस्वास करबावाळा के जस्यान दकी ने वेवो, ज्याँका नके आस ने हे।
परबू का बचना का आड़ीऊँ माँ थाँने बतारिया हाँ के, आपाँ जतरा जीवता हा, बच्या तका रेवा अन परबू के पाच्छा आबा का दन तईं जतरा मरग्या हे, वणाऊँ आगे कुई ने वेई।
अन केई के, “अरे कई व्यो ईसू मसी के पाच्छे आबा का वादा को? काँके आपणाँ बड़ाबा तो मरग्या। अन जद्याँऊँ ईं धरती की रचना वीं हे, तद्याँऊँ आ धरती वस्यान की वस्यान चालती आरी हे।”