पछे जदी वींका ग्यारई चेला रोट्याँ खारिया हा, ईसू वाँका मुण्डागे परगट व्या अन वे वाँने वाँका बना विस्वास, कल्डा मन के वाते फटकारिया, काँके वणा वाँका हमच्यार को विस्वास ने किदो हो, जणा ईसू ने जीवता व्या केड़े देक्या हा।
वाँ हारई मनकाँ के हामे कोयने, पण बेस वाँ गवा के हामे, जो पेल्याँई परमेसर का हातऊँ थरप्या ग्या हा, ज्याँकाणी मरिया तकाऊँ जीवता व्या केड़े वाँकी लारे खादो-पीदो हो।
यद्याँ माँ ब्याव किदो तको वेतो तो कई माँ खन्दाया तका चेला ने ओ अदिकार ने हे के, माँ माँकी लुगायाँ ने आपणाँ हाते ले जावाँ, जस्यान दूजाँ खन्दाया तका चेला पतरस अन परबू के भई किदो हो?