44 अन जणी देह ने ईं धरती में गाड़ीगी हे वाँ देह गारा की हे, पण जद्याँ वीं देह ने पाच्छी जीवती किदी गी हे, तो वाँ देह आत्मिक हे। यद्याँ गारा की देह वेवे, तो आत्मिक देह भी वेवे हे।
हो भायाँ, मूँ थाँने बताऊँ हूँ के, आपणी आ देह ज्यो माँस अन लुईऊँ बणी तकी हे परमेसर का राज में भेळी ने वे सके हे अन ने ज्यो नास वेबावाळी या देह हे, वाँ ज्यो अमर हे वींमें भेळी वे सके हे।
पण देह को मनक परमेसर की आत्मा की बाताँ गरण ने करे, काँके वीं बाताँ वींकी देकणी में बेण्डापणा की बाताँ हे अन ने वो वाँने जाण सके हे काँके वाँ बाताँ की परक आत्मिक रितऊँ वेवे हे।