37 अन जिंने थाँ वायो हे वो उगबावाळो पोदो कोयने पण वो तो दाणो हे पलई वो गऊँ को वे कन ओरी किंको भी दाणो वे।
जद्याँ रात ने हुवे, परभाते उटे अन दने जागतो रेवे तद्याँ बीज उगन मोटो वे जावे, पण वींने नंगे भी ने पड़े के, यो कस्यान वेरियो हे?
थाँ तो बेण्डा हो। थाँ ओ जाणो हो के, जद्याँ थाँ बीज वायो हो वो बीज जद्याँ तईं मरी ने जावे जीवतो ने वेवे हे।
पण परमेसर वींने आपणी मरजी के जस्यो पोदो बणावे हे अन हाराई दाणा ने एक खास पोदो बणावे हे।
परमेसर को धन्नेवाद वे ज्यो आपाँने मसी की वजेऊँ जीतावे हे अन खुद का ग्यान की हव बाना ने आपणाँऊँ हारी जगाँ फेलावे हे।