पण जद्याँ नाव चालरी ही, जद्याँ ईसू हूँ ग्या हा। तद्याँ अणाचेत की समन्द में ज्योरऊँ डूँज चालबा लागी, अन नाव में पाणी भरबा लागग्यो अन वी घणी अबकी टेम में आग्या।
अन यद्याँ मरिया तका पाच्छा जीवता ने वेवे, तो वीं मनक कई करी ज्याँने मरिया तका का वाते बतिस्मो दिदो ग्यो हो? अन वीं मरिया तका पाच्छा जीवताई ने वेई तो काँ मनक वाँका वाते बतिस्मो लेवे हे?
माँने फोगट्या हमजे हे जद्याँ के माँ तो मान्याँ तका हाँ अन माँने मरिया तका जाणे हे, जद्याँ के माँ तो जीवता हाँ। माँने दण्ड पाबावाळा का जस्यान जाणे हे, तद्याँ भी माँ मोत ने ने हुप्याँ जावाँ हाँ
हो भायाँ, मनक अबाणू भी मारा पे लांछन लगावे हे के, मूँ खतनो करबा को परच्यार करूँ हूँ, तो मने अणी बात का वाते काँ हतायो जावे हे? अन यद्याँ मूँ अबाणू भी खतनो करबा को परच्यार करूँ हूँ, तो ईसू मसी का हूळी माँ मस अई मारा वाते हारी तकलिपाँ खतम वेणी छावती।