10 अन आज मूँ ज्यो कई भी हूँ परमेसर की दयाऊँ हूँ अन वींकी दया मारा वाते बेकार ने गी। काँके में दूजाऊँ हेली मेनत किदी हे, पण परमेसर की दया मारा पे हे जणीऊँ मूँ अस्यान कर सक्यो हूँ।
ईं वाते वींकी दया की वजेऊँ ज्या मने मली हे। वींने ध्यान में लेन मूँ थाँने केवूँ हूँ जतरा थाँ हो वणी हेला खुद ने मती हमजो हे, पण विस्वास का जस्यान जतरी कबालियत परमेसर थाँने दिदी हे वतरोइस खुद ने हमजो।
परमेसर की वीं दया के जस्यान, ज्यो मने दिदी गी हे, में एक हूँस्यार कारीगर के जस्यान नीम नाकी, पण वींपे सणई करबावाळो तो कुई ओरी हे। पण हरेक मनक ने ध्यान राकणो हे के, वीं कस्यान काम कररिया हे।
मूँ बेण्डा मनक का जस्यान बतारियो हूँ पण अस्यान करबा वाते थाँईस मारा ऊपरे जोर दिदो हे। जद्याँ के, मूँ तो कई भी ने हूँ पण थाँ तो मारी बड़ई करणा छाता हाँ, काँके मूँ थाँका वाँ “मोटाऊँ मोटा खन्दाया तका चेलाऊँ” की कणी भी बात में कम ने हूँ।
हो भायाँ-बेना माँ थाँकाऊँ आ अरज करा हाँ के, जतरा भी मण्डली का अगुवाँ थाँका वाते मेनत करे, परबू में थाँने गेलो बतावे हे अन आदेस देवे हे, वाँको मान करिया करो।