अन यद्याँ कुई खुद ने परमेसर का आड़ीऊँ बोलबावाळो जाणे अन वींने आत्मिक वरदान भी मल्यो वे तो वींने ओ जाण लेणो छावे के, मूँ थाँने ज्यो कई भी लिकरियो हूँ, ओ परबू की आग्या हे।
काँके परबू का बचन थाँका नकेऊँ मकिदुनिया अन अखाया मेंईस ने हुणायो ग्यो, पण ईं वजेऊँ परमेसर पे थाँका विस्वास की चरचा हारी जगाँ में फेलगी हे। ईं वाते माँने कई केवाँ की जरुतई ने पड़ी।