हो विस्वासी भायाँ जद्याँ थाँ भेळा वेवो तो थाँने कई करणो छावे? थाँ तो जद्याँ भी भेळा वेवो हो तद्याँ थाँ भजन अन बचन, परमेसर का दरसण का बारा मेंईस बखाण करो हो। कुई अलग अलग बोली बोले हे अन कुई वीं बोली को मतलब बतावे हे। अन ईं हारी बाताँऊँ मण्डली आत्मिक रूप में गाटी वेणी छावे।
अन जिंने परमेसर का आड़ीऊँ बोलबा को वरदान मल्यो हे वाँका मेंऊँ भी दो कन हेलाऊँ हेला तीन जणा नेईस बोलणो छावे अन दूजाँ मनकाँ ने वाँकी बाताँ ध्यान लगान हूणणी छावे।
हो विस्वासी भायाँ यद्याँ मूँ थाँका नके आन दरसण, परमेसर का आड़ीऊँ बात, हिक देबावाळी अन ग्यान देबावाळी बाताँ ने बोलूँ पण अलग अलग बोली बोलूँ तो थाँने माराऊँ कई नफो?