29 अन जिंने परमेसर का आड़ीऊँ बोलबा को वरदान मल्यो हे वाँका मेंऊँ भी दो कन हेलाऊँ हेला तीन जणा नेईस बोलणो छावे अन दूजाँ मनकाँ ने वाँकी बाताँ ध्यान लगान हूणणी छावे।
अन्ताक्या का विस्वास्याँ की मण्डली में परमेसर का आड़ीऊँ बोलबावाळा अन हिकाबावाळा हा, बरनबास अन समोन जो नीगर केवावे हे, अन कुरेन को लुकियुस, देस का चोता हिस्सा को राजपाल हेरोदेस की लारे पळ्या-बड़्या मनाएन अन साउल जस्या नरई हिकाबावाळा हा।
अन किंने तो अचम्बा का काम करबा को अन किंने तो परमेसर का आड़ीऊँ बोलबा को वरदान, किंने तो भली-बुरी आत्माने जाणबा को वरदान, किंने तो अलग अलग बोली बोलबा को वरदान, किंने तो वाँ बोल्याँ को मतलब बताबा को वरदान दिदो जावे हे।
अन यद्याँ मूँ परमेसर की बाताँ भी बता सकूँ अन मूँ हारोई भेद भी खोल सकूँ, हारोई ग्यान भी जाण जऊँ अन मने अटे तईं विस्वास भी वे के, मूँ मंगरा ने भी हरका सकूँ हूँ, पण परेम ने करूँ, तो मूँ कई भी ने हूँ।
अन यद्याँ कुई खुद ने परमेसर का आड़ीऊँ बोलबावाळो जाणे अन वींने आत्मिक वरदान भी मल्यो वे तो वींने ओ जाण लेणो छावे के, मूँ थाँने ज्यो कई भी लिकरियो हूँ, ओ परबू की आग्या हे।