22 ईं वाते अलग अलग बोली विस्वास्याँ का वाते कोयने हे, पण बना विस्वासवाळा का वाते हेन्याण हे। परमेसर का आड़ीऊँ आबावाळी बात बना विस्वासवाळा का वाते कोयने पण विस्वास का वाते हेन्याण हे।
तो वणी दास को मालिक अस्या दन आ जाई के, वो वींकी वाट ने नाळतो वेई अन अस्यी टेम जिंने वो जाणतो भी ने वेई, वीं टेम वो अई जाई। अन मालिक वींने टुका-टुका कर देई अन वींने बना विस्वास करबावाळा का बसमें राक देई।”
ओ जाणन के, मूसा का नेम धरमी मनकाँ का वाते ने पण अधरम्याँ, केणो ने करबावाळा, परमेसर ने ने मानबावाळा, पापी, अपुवितर, असुद, बई-बापू को बुरो करबावाळा, हत्यारा,