अन यद्याँ अस्यान वेवे के, वो वीं गारा ने होदले, तो मूँ थाँकाऊँ हाचेई कूँ हूँ के, वो वीं एक कम हो गारा का वाते जीं ने गमाया हा, अतरो राजी ने वेई जतरो वणी एक गमाणा तका गारा का वाते वेई।
वीं परमेसर का नेम जाणे हे के, ज्यो मनक अस्यान को जीवन जीवे हे वीं मोत का दण्ड के जोगा हे, पण पछे भी वीं खुद अस्या काम करे हे अन दूजाँ ज्यो अस्या काम करे हे वाँने भी सई बतावे हे।