26 ईं वाते यद्याँ देह में एक अंग दुक पावे हे तो वींके हाते हाराई अंग दुक पावे हे अन यद्याँ एक अंग की बड़ई वेवे हे तो हाराई अंग वींके हाते राजी वेवे हे।
यद्याँ थाँकी जीमणी आँक थाँने पाप में नाके, तो वींने काड़न फेंक दे, काँके थाँका वाते यो हव हे के, थाँका अंग मूँ एक नास वे जावे अन थाँको पूरो सरीर नरक में ने नाक्यो जई।
मारी आकरी मरजी हे के, थाँ हाराई मनक एक मन रेवो अन थाँ हाराई ने मनकाँ का हाते मेल-मिलाप, भईचारा, दया करबावाळा अन भायाँ का हाते परेम-भावऊँ रेबावाळा बणणो छावे।