23 अन आपणी देह में अस्या अंग हे ज्याँने आपाँने आदर ने देणो छावे, पण आपाँ वणा अंग की घणी परवा कराँ हाँ अन देह का वीं अंग ज्याँने आपाँ बताबा ने छारिया हा, वाँने आपाँ हिपाजतऊँ राका हाँ।
पण देह में अस्या भी अंग हे ज्यो दूजाँ अंगऊँ कमजोर हे पण वाँकी जरूत हेली वेवे हे।
आपणाँ वणा दिकबावाळा अंग ने ढाँकबा की जरूत ने पड़े हे, पण परबू आपणी देह ने अस्यान बणई हे के, जणा अंग ने आदर की कमी हे वाँनेईस हेलो आदर मले।
पण लुगायाँ बाळक जणन बंचगी, अन वाँने छावे के, वीं धीरज का हाते विस्वास, परेम अन खरईपणा में गाटी रेवे।
वस्यानीस मूँ लुगायाऊँ केवूँ हूँ के, हरम लाज अन धीरज का हाते हुदा-हादा गाबाऊँ खुद ने सजावे ने के फेंसी चोटी बणान होना अन मोती अन मेंगा गाबाऊँ सजावो,