अन आपणी देह में अस्या अंग हे ज्याँने आपाँने आदर ने देणो छावे, पण आपाँ वणा अंग की घणी परवा कराँ हाँ अन देह का वीं अंग ज्याँने आपाँ बताबा ने छारिया हा, वाँने आपाँ हिपाजतऊँ राका हाँ।
अन यद्याँ थाँ भी थाँकी परातना में माँने आद करन मदत किदी तो जीं मनक माकाँ वाते अरज करे हे के, माकाँ पे परबू की दया वे, अन परमेसर ज्यो माकाँ वाते किदो हे वींका वाते वणा मनकाँ ने भी धन्नेवाद देबा को मोको मल जाई।