20 पण अंग तो नरई हे, देह एकीस हे।
वस्यानीस आपाँ घणा हा, पण मसी में आपाँ एक देह हा। अस्यान हाराई अंग एक दूजाँ का हाते जड़या तका हे।
जस्यान आपणी देह तो एकीस हे पण ईंमें नरई अंग हे अन ईं देह में नरई अंग अलग अलग व्या केड़े भी हाराई मलन एकीस देह हे वस्यानीस मसी भी हे।
जस्यान एक देह में एकीस अंग ने वेवे हे, पण नरई अंग वेवे हे।
अन यद्याँ हाराई अंग एकीस अंग वेता तो देह कस्यान वेती?
आँक हातऊँ ने के सके के, “मने थारी जरूत कोयने” अन ने मातो पगाँऊँ के सके के, “मने थाँकी जरूत कोयने।”