17 अन यद्याँ हारी देह आक्याँइस वेती तो हूणता कस्यान? अन यद्याँ हारी देह कान्दड़ाइस वेता तो हूंगता कस्यान?
अन कान्दड़ो केवे के, “मूँ आँक ने हूँ ईं वाते मूँ देह को ने हूँ”, तो कई वींके अस्यान केबाऊँ वो देह को कोयने?
पण परमेसर आपणी मरजीऊँ जस्यान छाया वस्यान आपणी देह में एक-एक अंग बणाया हे।
आँक हातऊँ ने के सके के, “मने थारी जरूत कोयने” अन ने मातो पगाँऊँ के सके के, “मने थाँकी जरूत कोयने।”
अबे थाँ बतावो के, कई हारई खन्दाया तका चेला हे? कई हारई परमेसर का आड़ीऊँ बोलबावाळा हे? कई हारई गरू हे? कई हारई अचम्बा का काम करबावाळा हे?