बायरो जटे छावे वटे चाले हे, अन थाँ वाँकाणी अवाज हुण सको हो, पण ने जाणो हो के, वो कटेऊँ आरियो हे अन कटने जारियो हे। ज्यो कुई पुवितर आत्माऊँ जनमे हे, वो भी अस्यानीस हे।”
वींकी दया जस्यान आपाँने ज्यो अलग अलग वरदान मल्या हे। जस्यान किंने परमेसर का आड़ीऊँ बोलबा को वरदान हे, तद्याँ वो आपणाँ विस्वास का जस्यान परमेसर का आड़ीऊँ बोले।
मूँ तो छावूँ हूँ के, हाराई मनक मारा जस्यान बना ब्याव करिया रेवे, पण हरेक मनक ने परमेसर का आड़ीऊँ एक खास वरदान मल्यो हे। हाराई ने अलग अलग तरिया को वरदान मल्यो हे।
परमेसर ज्यो कई करी आपणी मन की मरजी अन ते किदी तकी बात के जस्यान करी अन परमेसर आपाँने खुद का मकसद के जस्यानीस वाँके खुद की परजा बणबा का वाते ईसू मसी का हाते गट-जोड़ करन चुण्या हा, जिंने वणा पेल्याई ते कर मेल्यो हो।