मारा भायाँ थाँने ओ पतो वेणो जरूरी हे के, में घणी दाण थाँका नके आबा की होची, पण हरेक दाण कई ने कई अस्यान को वेता के, मूँ ने आ सक्यो। मूँ थाँका आड़ीऊँ भी वस्योईस फळ पाणो छावूँ हूँ, जस्यो ज्यो यहूदी ने हा, वाँ मनकाँऊँ पायो हो।
अन यद्याँ कुई खुद ने परमेसर का आड़ीऊँ बोलबावाळो जाणे अन वींने आत्मिक वरदान भी मल्यो वे तो वींने ओ जाण लेणो छावे के, मूँ थाँने ज्यो कई भी लिकरियो हूँ, ओ परबू की आग्या हे।
हो विस्वासी भायाँ माँ ओ भी छावाँ हाँ के, ज्यो कळेस माँने एसिया में जेलणो पड़्यो हो वींके बारा में थाँ भी जाणो। वटे माँ माँकी सेनसगतीऊँ भी हेलो कळेस भोग्यो हो अन मरबा तईं की नोपत अईगी ही।
वाँकाणी किंनेई तो थरप्या तका वेबा का वाते, अन किंनेई परमेसर का आड़ीऊँ बोलबावाळा, किंनेई तो हव हमच्यार हुणाबावाळा, अन किंनेई तो परमेसर का मनकाँ का गवाळ अन किंनेई हिकाबावाळा बणाया।
हो भायाँ-बेना, माँ छावाँ हाँ के, थाँ मरिया तका विस्वासी भायाँ का पाच्छा जी उठबा का हाँच ने जाणो, जणीऊँ थाँ बना विस्वास करबावाळा के जस्यान दकी ने वेवो, ज्याँका नके आस ने हे।