30 अणीऊँ थाँकामूँ नरई कमजोर अन मान्दा हे अन कुई तो मर भी ग्या हे।
पछे दाऊद आपणाँ जुग में परमेसर के वाते आपणो काम पूरो करन मरग्यो अन वींने वटेईस गाड़्यो जटे वींका बड़ाबा ने गाड़्या हा, वींकी लास हड़गी,
पछे वो गोडा टेकन कल्ड़ी अवाजऊँ क्यो, “परबू, ईं पाप ने वाँका माते मत नाकजो।” अतरोक केन वो मरग्यो।
काँके ज्यो कुई परबू की देह ने बना ओळक्या खावे-पीवे हे, वीं परमेसर का दण्ड ने नुतो देवे हे।
यद्याँ आपीं आपणाँ खुद ने परक लेवा तो आपीं परमेसर का दण्ड ने ने पावाँ।
पण परबू आपाँने सई राकबा का वाते दण्ड देवे हे, ताँके आपीं दनियाँ का हाते दोसी ने ठेराँ।
थाँ ध्यान देन हुणो मूँ थाँने एक भेद की बात बताऊँ हूँ के, आपाँ हाराई मरा कोयने, पण आपणो रूप बदल्यो जाई।
काँके आपाँ ओ विस्वास करा हाँ के, ईसू मरिया अन पाच्छा जीवता वेग्या हा, तो वस्यानीस परमेसर भी वाँने ज्यो ईसू पे विस्वास करता तका मरग्या हे, वाँने पाच्छा ईसू का हाते खन्दा देई।
मूँ जणीऊँ भी परेम करूँ हूँ वाँने तापड़ूँ अन दण्ड देऊँ हूँ। ईं वाते पसतावणो कर अन पापऊँ आपणो मन ने बदलो।