28 ईं वाते मनकाँ ने ओ करणो छावे के, वीं आपणाँ खुद ने परके अन तद्याँ वीं रोटी ने खावे अन वीं प्याला मूँ पिवे।
ईंपे चेला नरई दकी व्या अन वीं वाँकाऊँ हाराई पूँछबा लागा, “हो परबू, कई वो मूँ हूँ?”
काँके ज्यो कुई परबू की देह ने बना ओळक्या खावे-पीवे हे, वीं परमेसर का दण्ड ने नुतो देवे हे।
यद्याँ आपीं आपणाँ खुद ने परक लेवा तो आपीं परमेसर का दण्ड ने ने पावाँ।
ओ देकबा का वाते के, थाँ विस्वास का हाते जीरिया हो खुद ने परको। अन खुद की जाँच पड़ताल करो कई थाँ खुद ने जाणो के, ईसू मसी थाँका मयने हे। यद्याँ अस्यान ने वेतो तो थाँ जद्याँ परक्या ग्या हाँ तद्याँ खरा ने ने निकळता।
पण हाराई ने आपणाँ-आपणाँ कामाँ की जाँच करणी छावे, काँके अस्यान करबाऊँ वाँने खुद पे मेपणो करबा को मोको मली। पण वाँने दूजाऊँ खुद की तुलना ने करणी छावे।