देको राज करबावाळा खरई करबावाळा ने, पण बुरा काम करबावाळा दरपाबा का वाते हे। अन यद्याँ थाँ अदिकारियाऊँ दरपणा ने छावो हो, तो हव काम करो। तो थाँने वाँकाऊँ बड़ई मली।
कई खाबा-पिबा का वाते थाँके घर ने हे? कन परमेसर की मण्डली ने बेकार हमजो हो अन जणा का नके ने हे वाँने लाजा मारो हो? मूँ थाँकाऊँ कई कूँ? कई अणी बातऊँ थाँकी बड़ई करूँ? मूँ हाँची में बड़ई ने करूँ।
ईं वाते जद्याँ मण्डली एक जगाँ भेळी वेवे अन अलग अलग बोली बोले अन अविस्वासी मनक मण्डली में आ जावे तो वीं थाँने अस्यान बोलता देकन अस्यान ने केई के, थाँ बेण्डा हो?
हो विस्वासी भायाँ जद्याँ थाँ भेळा वेवो तो थाँने कई करणो छावे? थाँ तो जद्याँ भी भेळा वेवो हो तद्याँ थाँ भजन अन बचन, परमेसर का दरसण का बारा मेंईस बखाण करो हो। कुई अलग अलग बोली बोले हे अन कुई वीं बोली को मतलब बतावे हे। अन ईं हारी बाताँऊँ मण्डली आत्मिक रूप में गाटी वेणी छावे।
अन थाँ भेळा वेणो मती छोड़ज्यो। जस्यान के नरई मनकाँने तो भेळो ने वेबा की आदत पड़गी हे। पण आपाँने तो एक दूजाँ ने हमजाणा हे। जस्यान के, थाँ जाणो हो अन देको भी हो के, वो परबू को दन नके आरियो, जणीऊँ थाँने तो ओरुँ भी ईंने करणो छावे।