11 पछे भी परबू का गट-जोड़ में ने तो लुगई मनकऊँ अन ने मनक लुगईऊँ आजाद हे।
परमेसर मनक ने अदिकार दिदो हे अन वीं अदिकार ने दिकाबा का वाते, लुगई आपणो मातो ढाँके। वींने हरग-दुताँ का मस भी अस्यो करणो छावे।
काँके जस्यान लुगई मनकऊँ रची गी वस्यानीस अबे लुगईऊँ मनक पेदा वेवे हे, पण हारी चीज परमेसर का आड़ीऊँ आवे हे।
ईं वाते अबे ने कुई यहूदी, ने कुई युनानी, ने कुई दास ने आजाद, ने कुई मनक ने लुगई, काँके थाँ हाराई ईसू मसी में एक हो।