16 अन में स्तिपनूस का घराणा ने भी बतिस्मो दिदो अणाने छोड़न, मूँ ने जाणूँ हूँ के, में ओरी किंने बतिस्मो दिदो हे।
वो थने बचन हुणाई, जींऊँ थूँ अन थारो परवार बंचायो जाई।
जदी वा लुगई अन वींका परवारवाळा हंगळा हाते बतिस्मो लिदो तो वणी माँकी मनवार किदी के, “यद्याँ थाँ मने परमेसर में विस्वास करबावाळी लुगई हमजो, तो अटूँ मारे हाते चालो अन मारे घरे रो।” जद्याँ तईं माँ राजी ने व्या, तद्याँ तईं वा मनवार करतिइस री।
वो रात में वणीस दाण पतरस अन सिलास ने लेग्यो अन वाँके लागी तकी ने धुई अन वणी अन वींका घर का हंगळा मनक तरत बतिस्मो लिदो।
ताँके कुई भी ओ ने के सके के, थाँ मनकाँ ने मारा चेला वेबा का वाते मारा नाम को बतिस्मो दिदो ग्यो हे।
थाँ स्तिपनूस का घराणा का बारा में तो जाणो हो के, वीं अखाया में मसी पे विस्वास करबाबाळा पेला मनक हे। वणा परबू का भगताँ की सेवा करबा का वाते काम तोक्यो हे। ईं वाते ओ विस्वासी भायाँ मूँ थाँकाऊँ अरज करूँ हूँ,
स्तिपनूस, फरतूनातूस अन अखईकूस का आबाऊँ मूँ घणो राजी हूँ, काँके ज्यो थाँ मारा वाते कर ने सक्या हो वो वणा करन बतायो हे, काँके थाँ मारा लारे ने हा।