6 अस्यान'ई जुवान छोरा न्अ सखाता रेवो क वे संयमी बण्अ।
जिसुं आपान्अ ओरां की न्याई सुता कोन रेणी चायजे, पण सावधानी सुं आपान्अ खुदन्अ काबु मं रखाणणी चायजे।
कोई बुढ़ा आदमी न्अ मत दकालज्यो, पण उन्अ बाप क जस्यान को जाणर नरमाई सुं समझा दिज्यो। खुदसुं छोटा की लारां भाया जस्यान को बुवार करज्यो।
अस्यान ही ह छोरा-छापराओ, थे बी टोळी का मुखिया का खिया मं रेवो, पण थे सब एक-दूसरा की सेवा क ताणी नरमाई सुं त्यार रेवो, क्युं क परमेसर घमण्डया को बिरोध करअ छ, पण सिधा मनखा माळ्अ दीया करअ छ।
ह बुढ़ा-ठेराओ म थान्अ ई बजेसुं माण्ढ़र्यो छु, क्युं क थे उं परमेसर न्अ जाणो छो ज्यो सरूवात सुंई छ। ह मोट्यारओ म थान्अ ई बजेसुं माण्ढ़र्यो छु क्युं क थे दुष्ट न्अ हराया छो।