4 जिसुं वे जुवान छोर्या न्अ अपणा-अपणा बाळका सुं अर घरका धणी सुं परेम करबा की सीख दे सक्अ।
पण जुवान रांडबेरा को नांऊ इम्अ मत माण्ढज्यो क्युं क मसी बेई वांका समर्पण प जद्या वांकी काया की मन्सा जोरा हो जाव्अ छ तो वे फेरू बियाऊ करबो छाव्अ छ।
जिसुं म चाऊ छु क वे जुवान बिधवा बियाऊ करले अर छोरा-छोर्या न्अ पाळता होया खुदका घर की सार सम्भाळ करअ जिसुं आपणा बेरया न्अ आपण्अ उपरअ दोष लगाबा को मोको कोन मल्अ।
बुढ़ी लुगाया न्अ माई जस्यान समझज्यो अर जुवान छोर्या न्अ खुदकी बेणा समझर पूरी पवितरता की लारा बेवार करज्यो।
अस्यान'ई बुढ़ी डोकर्या न्अ सखावो क वे पवितर मनखा की जस्यान चोखा बेवारहाळी बण्अ। बराई करबाळी कोन बण्अ अर दारूड़ी कोन्अ होव्अ। वे चोखी-चोखी बाता सखाबाळी बण्अ।
जिसुं वे संयमी, पवितर, अपणा-अपणा घरा की सम्भाळ करबाळी, दीयालु अर खुदका घरका धणी की आज्ञा मानबाळी बण्अ। जिसुं परमेसर का बचन की बराई कोन्अ होव्अ।