2 बढ़ा-बुढ़ा मनखा न्अ सक्ष्या देवो क वे सावचेत अर खुदन्अ सम्भाळबाळा बण्अ। वे थ्यावस राखबाळा, गम्भीर, समझदार अर बस्वास अर परेम मं गाढ़ा होव्अ।
वे ईसु क सांकड़्अ आया अर देख्या क वो मनख जिम्अ दुष्टात्मा छी, लत्ता फेरर पुरा सतुना मं उण्डअ बेठ्यो छ, या देखर वे ड़रपग्या।
फेर उण्डअ का मनख ज्यो हियो छो बीन्अ देखबा बेई बारे आया। वे ईसु सुं मल्या। अर वे बी मनख न्अ जिम्अ सुं दुष्टात्मा नखळी छी ईसु का पगा मं बेठ्यो देख्या। वो मनख लत्ता फेर मेल्यो छो अर बीको दमाग ठकाण्अ छो, जिसुं वे सबळा ड़रपग्या।
पण जद्या पौलुस भलाई, आत्म-संयम अर आबाळा न्याऊ का बारा म बोलर्यो छो तो फेलिक्स ड़रपग्यो अर खियो, “अबार तो तु चलजा मोको पड़या सुं म फेरू थन्अ बलाऊलो।”
उंकी ज्यो दीया मन्अ मली छ, उन्अ ध्यान मं रखाणर म थाम्अ सुं हरेक न्अ या खेऊ छु क थे ज्यो छो उसुं साउटो मत समझो। पण थांका बस्वास की जस्यान परमेसर थान्अ ज्यो काबलियत दियो छ वतरोई खुदन्अ समझ्अ।
चेत म आओ, अर चोखी जन्दगी जीवो। पाप को गेल्लो छोड़द्यो। क्युं क थाम्अ चन्याक मनख अस्यान का छ ज्यो परमेसर न्अ कोन जाण्अ। या म थान्अ जिसुं खेर्यो छु क थान्अ सरम आव्अ।
अर खेल मं खेलबाळा सबळा खिलाड़ी सबळी बाता मं खुद प काबु राखणी पड़्अ छ। अर वे तो नास होबाळा मुकुट न्अ पाबा बेई अस्यान करअ छ, पण आपा उं मुकुट बेई कर्या छा ज्यो कद्या बी नास कोन होबाळो।
अर ज्यो मै बावळ्या जस्या दीखां छा तो परमेसर बेई छा अर समझदार छा तो थांका फायदा बेई छा।
नरमाई, अर खुद प संयम पदा करअ छ। असी बाता का बिरोध मं कोई निम कोन्अ।
आखरी मं ओ भायाओ, ज्यो-ज्यो बाता सांची, आदर करबा जसी, सई, पवितर, सुआवणी, अर ज्यो-ज्यो सद गुण, सबसुं चोखी अर बढ़ाई की बात छ बाक्अ माळ्अ ध्यान द्यो।
जिसुं आपान्अ ओरां की न्याई सुता कोन रेणी चायजे, पण सावधानी सुं आपान्अ खुदन्अ काबु मं रखाणणी चायजे।
पण आपा तो दन सुं जुड़या छा जिसुं आपान्अ खुद प काबु रखाणणी चायजे। आवो बस्वास अर परेम को कवच पेरल्यां अर उद्धार पाबा की आस न्अ टोपा की न्याऊ फेरर सावचेत हो जांवा।
व्यभिचारी, बेगड़ा मनखा, दूसरा को सोषण करबाळा, झूंट बोलबाळा, सोगन तोड़बाळा या अस्यान'ई दूसरा कामा बेई ज्यो सांची सिक्षा का बिरोध म छ।
अर परबु की दीया मन्अ खुब मली अर उंकी लारा वो बस्वास अर परेम बी ज्यो मसी ईसु मं छ।
तीमुथियुस न्अ ज्यो बस्वास म म्हारो सांचो छोरो छ, पिता परमेसर अर आपणा परबु मसी ईसु ओड़ी सुं आसीर्वाद, दीया अर सांति मल्अ।
ई आदेस को मतबल यो छ क थे उं परेम सुं भरजावो ज्यो पवितर हीया, चोखी समझ अर बना छळहाळा बस्वास सुं पदा होव्अ छ।
अस्यान'ई बेरबान्या न्अ बी सम्मानहाळी होणी चायजे। वे दूसरा की बराई करबाळी कोन होणी चायजे पण साउचेत अर हरेक बात म बस्वासहाळी होणी चायजे।
अब देखो बस्वास्या की टोळी का मुखिया न्अ एक अस्यान की जन्दगी जीणी चायजे क लोगबाग उंकी बराई कोन कर सक्अ। उंक्अ एक'ई लुगाई होणी चायजे। उन्अ ठण्डा सुभाऊ हाळो, आत्मा मं सबरहाळो, समझदार अर पावणा की आवभगत करबाळो अर दूसरा न्अ चोखो सखाबाळो होणी चायजे।
खुदका परवार न्अ चोखा चलाबाळो होणो चायजे अर उंका छोरा-छोरी उंका खिया म रेणा चायजे अर उंको पूरो आदर करता रेव्अ।
अस्यान'ई बस्वास्या की टोळी की सेवा करबाळा न्अ बी सम्मानहाळा होणी चायजे जिका बचना प बस्वास कर्यो जातो होव्अ। दारू पिबाळो कोन होणी चायजे। बराई का गेल्ला सुं पिसा कमाबाळो कोन होणी चायजे।
कोई बुढ़ा आदमी न्अ मत दकालज्यो, पण उन्अ बाप क जस्यान को जाणर नरमाई सुं समझा दिज्यो। खुदसुं छोटा की लारां भाया जस्यान को बुवार करज्यो।
या बात सई छ जिसुं तु वान्अ जोरसुं दकाल जिसुं वांको बस्वास पक्को हो सक्अ।
पण उन्अ तो आवभगत करबाळो, भलाई न्अ चाहबाळो, खुदन्अ बसम्अ रांखबाळो, धरमी, भगत अर कायदा मं रेबाळो होणो चायजे।
थे हरेक बात मं खुद आदर्स बणर दखावो। थारो उपदेस पवितर अर गम्भीर होणो चायजे।
पण परेम सुं म थासुं अरदास करबो चोखो समझु छु। म पौलुस ज्यो अब बुढ़ो होर्यो छु, अर मसी ईसु का चोखा समचार को परचार करबा की बजेसुं बन्दी बी बण मेल्यो छु।
ई बजेसुं थे सब खुदकी बुद्धि मं हुस्यारी राखर साउचेत रेवो, अर खुद प्अ काबु रांखो। बी बरदान प्अ पूरी आसा रांखो ज्यो ईसु मसी का परकट होबा की बगत थान्अ दियो जाव्अलो।
वा बगत सांकड्अ छ जद्या सबळी सृष्टी खतम हो जाव्अली, जिसुं थे खुद प्अ काबु रांखर परातना बेई साउचेत रेवो।
साऊचेत रेवो, जागता रेवो, क्युं क थांको बिरोधी सेतान घुर्राबाळा नार की जस्यानई ताक मं रेव्अ छ क कद्या कुण न्अ फाड़ खाव्अ।
अर समझ सुं खुद प्अ काबु पाबा न्अ, अर खुद प्अ काबु पाबा सुं धीरज न्अ, अर धीरज सुं भगती न्अ,