कोई मनख का छोरा का बिरोध मं कांई बी खेव्अ छ तो उन्अ छमा कर्यो जा सक्अ छ पण पवितर-आत्मा का बिरोध मं कोई-कांई बी खेवलो तो उन्अ छमा कोन्अ कर्यो जावलो। न्अ तो ई जुग मं अर न्अ ई आबाळा जुग मं।
अब आग्अ सुंई दनीया की रीति प्अ मत चालो पण खुदका मना न्अ नया कर खुदन्अ बदलल्यो जिसुं थे परमेसर की मन्सा न्अ परखर जाण सको। मतबल ज्यो चोखो छ, ज्यो उन्अ भाव्अ छ अर पूरो छ।
थे पेलीई संसार का बरा निमा प चाल्अ छा मतबल आम्बर मं राज करबाळा सेतान का खिया मं चाल्अ छा। अर अब बाई आत्मा बा मनखा मं काम कर'री छ ज्यो परमेसर को खियो कोन्अ मानर्या।
पण वे ज्यो भागवान बणबो छाव्अ छ, लालच मं पड़र जयाळ म फस जाव्अ छ। वान्अ अस्यान की मूरख बणाबाळी अर नास करबाळी मन्सा लपेट लेव्अ छ, ज्यो लोगा न्अ नास अर बरबादी की खाई मं धखो देव्अ छ।
अर जण्ढ्अ ताणी थांकी बात छ, थांक्अ माईन्अ तो मसी की पवितर-आत्मा को वास छ। ई बजेसुं थान्अ या जरूत ई कोन्अ क कोई उपदेस देव्अ, पण थान्अ तो ज्यो आत्मा दी गई छ वा सबकुछ सखाव्अ छ। वो सांचो छ, अर वो झूंटो कोन्अ वो थान्अ जस्यान सखायो छ वस्यान मसी मं बण्यारेवो।