या सृष्टी ही नही पण आपा बी ज्यांन्अ आत्मा को पहलो फळ मल्यो छ, मेईन्अ सुं कण्जर्या छ। क्युं क आपा बाठ नाळर्या छा क वो आपान्अ ओलाद की जस्यान अपणा लेव्अ अर आपणी काया आजाद हो जाव्अ।
अर अतरोई कोन्अ पण बस्वास्या की टोळी ई भाया न्अ म्हाकी लार जार दान भेळो करबा बेई थरपी छ। अर म्हे ई परेम की सेवा का काम न्अ परबु की महमा बेई अर दूसरा क आढ्अ आबा बेई करां छा।