उंको मालिक उन्अ खियो, ‘स्याबास! तु चन्याक मं भरोसो करबा जस्यान को बस्वासहाळो चोखो नोकर छ, म थन्अ ओर सावटा को अधिकार द्युलो। माईन्अ जार म्हारी खुसी मं भेळ्अ होजा।’
म थान्अ सांची बताऊ छु, ज्यो म्हारा बचन न्अ सुणर उंप्अ बस्वास करअ छ ज्यो मन्अ खन्दायो छ, वो सदामेस की जन्दगी पाव्अ छ। न्याऊ की सजा उंप्अ कोन्अ पड़्अली। पण वो मोत न्अ पार कर जन्दगी मं चलजाव्अ छ।
दूसरा का दासा को न्याऊ करबाळा थे कुण छो? वे सफल होव्अला या फेर असफल ई बात को फेसलो करबाळो वांको मालिक छ। अर वे सफल होव्अला, क्युं क परबु वान्अ सफल बणाबा की हिम्मत राख्अ छ।
फेर म सिंहासन मंसुं एक जोरकी आवाज न्अ या खेती सुण्यो, “अब परमेसर को घर मनखा क्अ बीचम्अ छ अर वो बाकी लार रेव्अलो। अर वे बीकी परजा होव्अला अर खुद परमेसर बाको परमेसर होव्अलो।