बस्वासी जद्या या सुण्या तो वे तोमत लगाबो बन्द कर दिया। वे परमेसर की महमा करता होया खेबा लागग्या, “अच्छया तो परमेसर गेर यहूदया न्अ बी पापा सुं मन फराबा अर सांचो जीवन जीबा को मोको दियो छ!”
तो अब कोई मं कांई बी आंतरो कोन रियो, न्अ कोई यहूदी रियो, न्अ गेर यहूदी, न्अ कोई दास रियो, न्अ आजाद रियो, न्अ कोई मोट्यार रियो अर न्अ कोई लुगाई रेई, क्युं क मसी ईसु मं थे सबळा एक छो।
नतिजो यो छ, अब ज्यो मसी मं यहूदी या फेर गेर यहूदी, खतना करेड़ा या फेर खतना कोन करेड़ा, जंगळी सुभाव का या फेर बना लखणाळा, दास या फेर आजाद मं कोई भेद कोन्अ रियो। वे सब मसी मं छ अर वोई सबळा बस्वास्या मं छ।
क्युं क बा बगत आगी, क पेली परमेसर का मनखा को न्याऊ होव्अ, अर जद न्याऊ आपसुं ही सुरू होव्अलो तो बांको अन्त कांई होव्अलो ज्यो परमेसर का चोखा समचार न्अ कोन मान्अ?