ई बजेसुं तु परमेसर की दीया न्अ देख अर उंकी कळ्डाई प ध्यान द्अ। या कळ्डाई वां बेई छ ज्यो गरग्या पण उंकी दीया थारबेई छ। अर ज्यो थे परमेसर की दीया मं बण्या रेव्अ तो उंकी दीया थारबेई छ। नही तो थन्अ बी काटर फका दियो जाव्अलो।
म्हारी परमेसर सुं अरदास छ क थांका मन की आंख्या खुल जाव्अ जिसुं थे जाण सको क जी आस ताणी थान्अ वो बलायो छ अर जी पांती न्अ वो खुदका सबळा पवितर मनखा न्अ देव्अलो, बा कतरी महान अर अनमोल छ।
अर जिसुं मारअ उपरअ दीया होई छ क ईसु मसी एक बड़ा पापी की जस्यान मन्अ काम म लेता होया आग्अ चालर ज्यो मनख उम्अ बस्वास करअला, वां बेई सदामेस की जन्दगी लेबा बेई एक उदारण की जस्यान मन्अ बणार खुदकी घणीसारी सेनसीलता दखा सक्अ।
परबु खुदकी परतिज्ञा का बारा मं उंघ्अ कोन्अ, जस्यान कोई समझ्अ छ, पण थांकी बजेसुं थावस रांख्अ छ अर या कोन छाव्अ क कोई नास हो जाव्अ, पण सबळा न्अ पछतावो करबा को मोको मल जाव्अ।
सुण, म बाण्णा माळ्अ ऊबो होर खटखटाऊ छु। कोई म्हारी आवाज सुंणर बाण्णो खोल्अ छ तो म बीका घर मं आर बीकी लार बेठर ब्याळू करूलो अर वो म्हारी लार बेठर ब्याळू करअलो।