वो एक दन धाम मेल्यो छ जद्या वो खुदका थरपेड़ा एक मनख की लेरअ जगत का सबळा मनखा को न्याई सुं न्याऊ करअ लो। जिन्अ परमेसर मरेड़ा मंसुं जीवतो करर हरेक न्अ ई बात को परमाण दियो छ।”
पण ह म्हारा भायला तु कांई बच्यार करअ छ क तु ज्यां कामा बेई दूसरा न्अ दोषी ठेराव्अ छ अर खुद'ई वस्यान का काम करअ छ तो तु परमेसर का न्याऊ सुं बच जाव्अलो कांई?