10 म खुदकी परातना मं सदाई अरदास करतो रेऊ छु क परमेसर की मन्सा सुं थां कन्अ आबाकी म्हारी आस पूरी होजाव्अ।
पण जाती बगत वो खियो, “अर ज्यो परमेसर की मन्सा होई तो म थां कन्अ फेरू आंउलो।” फेर वो इफिसुस सुं पाणी का जाज मं बेठर यात्रा कर्यो।
या बाता क पाछ्अ पौलुस खुदका मन मं मकिदुनिया अर अखाया होता होया यरूसलेम जाबो को नण्णो कर्यो। वो खियो, “उण्डअ जांया पाछ्अ मन्अ रोम बी जाणो चायजे।”
मे बीन्अ कोन्अ मना सक्या पण या खेर बीन्अ छोड़ दिया क, “जसी परबु की मन्सा।”
अर म जाणु छु जद्या थां कन्अ आंउलो तो मसी का आसीर्वाद की लारा आंउलो।
आपणा भाई सोस्थिनेस की लारां पौलुस की ओड़ी सुं जिन्अ परमेसर खुदकी मन्सा सुं परबु मसी ईसु को खास थरपेड़ो बणबा बेई थरप्यो छ।
पण ज्यो परबु चायो तो म पक्कोई थां कन्अ आंउलो अर ज्यो फूलर्या छ वांकी तागत को तोल पटक ल्युलो क वे खेव्अ जस्यानई छ, क कोन्अ।
कोई बी बात की चंता मत करो, पण सबळी परातना अर बिनती धन्यवाद की लार परमेसर सुं करता जाओ।
हां! म्हे थां कन्अ आबाकी खुब जोरी करर्या छा। म पौलुस खुद बी घणी बार जोरी कर्यो पण सेतान उम्अ रोड़ा अटका दिया।
म्हारअ बेई रेबा की ठार को इन्तजाम रखाणज्यो क्युं क म्हारो बस्वास छ क थांकी परातना की बजेसुं म राजी-खुसी थासुं मलुंलो।
अर म थासुं घणी अरदास करू छु क म थां कन्अ पाछो आ सकूं ईक्अ ताणी परातना करो।
पण ईकी बजाय थान्अ या खेणो चायजे क, “परबु की मनसा होव्अ जद्याई तो आपा जीवता रेव्अला, अर यो काम या फेर वो काम करअला।”