18 यां तीन महामारया सुं मतबल वांका मूंडा सुं नखळबाळी आग, धुंआ अर तज्याप सुं सबळा मनखा को तीसरो हस्सो मरगो।
तीसरो सरगदूत जद तुरी बजायो तो एक बड़ो तारो बळतो होया आम्बर सुं पड़ग्यो। यो तारो सबळी नंद्या अर झरणा का तीसरा हस्सा माळ्अ जा पड़यो।
ई तारा को नांऊ नागदोना छो क्युं क यो सबळा पाणी मंसुं तीसरा हस्सा न्अ कड़ोजेर कर दियो। अर ई पाणी न्अ पीबा सुं घणासारा लोगबाग मरगा क्युं क पाणी कड़ोजेर छो।
जद चोथो सरगदूत तुरी बजायो तो सूरज का तीसरा हस्सा, अर चांद का तीसरा हस्सा अर सबळा तारा का तीसरा हस्सा माळ्अ बिपदा आगी। ई बजेसुं वांको तीसरो हस्सो काळो पड़ग्यो। ई बजेसुं दन को तीसरो हस्सो अर रात को तीसरो हस्सो अंधेरा मं डुबग्यो।
पेलो सरगदूत जस्यानई तुरी बजायो, तो लोई मं मलेड़ा गड़ा अर आग पैदा होई अर बान्अ नीच्अ धरती माळ्अ उछाळ'र फका दिया। जिसुं धरती को तीसरो हस्सो बळर भसम होगो। रूंखड़ा को तीसरो हस्सो बळगो अर सबळो हर्यो चारो बळगो।
दूसरो सरगदूत तुरी बजायो तो जाण्अ आग को बळतो एक बड़ो डुंगर समून्दर मं फाक्यो गियो। जिसुं समून्दर को तीसरो हस्सो लोई बणग्यो।
अर समून्दर का जीवां को तीसरो हस्सो मरगो, अर एक तिहाई जाज खतम होग्या।
अस्यान च्यारू सरगदूता न्अ छोड़ दिया। वे उंई बगत बेई, उंई दन, उंई मिना अर उंई बरस बेई त्यार करर रांखेड़ा छा क वे सबळा मनखा मंसुं तीसरा हस्सा न्अ मार नाख्अ।
बी दर्साव मं वे घोड़ा अर वांका सवार मन्अ अस्यान दिख्या क, वे कवच पेर मेल्या छा ज्यो बळबळती लाई की जस्यान लाल, अर नील जस्यान नीलो अर तज्याप जस्यानका पीळा छा। वा घोड़ा का माथा नार का माथा जस्यानका छा अर वाका मुण्ढा सुं लाई, धुंणी अर तज्याप नखळ्अ छी।
यां घोड़ा की सक्ति वांका मूंडा अर पूंछ मं छी, क्युं क बाकी पूंछ स्यांप की जस्यान छी, ज्यांसुं वे मनखा न्अ नुकसाण पुंचाव्अ छा।