उंई बगत एक बड़ो भुकम्प आयो अर नगर को दसवो हस्सो ढसगो। बी भुकम्प सुं सात हजार लोगबाग मरग्या। अर ज्यो मरबा सुं बचग्या वे डरपर सरग का परमेसर की महमा की बड़ाई करबा लागग्या।
फेर परमेसर को मन्दर ज्यो सरग मं छ खोल्यो गियो अर उण्डअ करार की सन्दूक दीखी। फेर बिजळी चमकबा लागगी, उंका कड़कबा की आवाज, बादळा का गाजबा की आवाज अर भूकम्प आबा लागगो अर मोटा-मोटा गड़ा पड़बा लागगा।
फेर एक ओर सरगदूत आर यज्ञ कुण्ड माळ्अ उबो होगो। बीकन्अ सोना को एक धूपदान छो। बीकन्अ परमेसर का लोगबागा की परातना की लार सोना का बी यज्ञ कुण्ड माळ्अ ज्यो सिंहासन क साम्अ छो, चढाबा क ताणी घणीसारी धूप दी गई।