10 तीसरो सरगदूत जद तुरी बजायो तो एक बड़ो तारो बळतो होया आम्बर सुं पड़ग्यो। यो तारो सबळी नंद्या अर झरणा का तीसरा हस्सा माळ्अ जा पड़यो।
उं दन सरग को राज वा दस छोर्या की न्याई होव्अलो ज्यो दिया जोर लाढा सुं मलबा नखळी।
जद्या ईसु बान्अ खियो, “म सेतान न्अ आम्बर सुं बिजळी की न्याऊ पड़तो देख्यो छु।
ये समून्दर की जोरदार लूरा जस्यान खुदकी बेसर्मी का झागड़ा उछाळ्अ छ। ये टुट्या तारा छ ज्यां बेई घणाजोर को अन्धेरो सदामेस बेई छ।
ज्यो सात तारा तु म्हारा हाथ मं देख्यो छ, अर ज्यो सात दीया मेलबा का बरतन छ, वांको मतबल यो छ क, ये सात तारा सात बस्वास्या की टोळी का सरगदूत छ, अर दीया मेलबा का सात बरतन बस्वास्या की सात टोळ्यां छ।”
बीकी पूंछ आम्बर का सबळा तारा का तीसरा हस्सा न्अ खींचर नीच्अ पटक दी। बा लुगाई ज्यो जणबाळी छी, वो अजगर बीक्अ साम्अ जार ऊबो होगो जिसुं क बा जस्यानई बाळक न्अ जण्अ वो बी बाळक न्अ नंगल जाव्अ।
वो जोरसुं खियो, “परमेसर सुं डरपो अर बीकी बड़ाई करो। क्युं क बीकी न्याऊ करबा की बगत आगी। बीकी आराधना करो, ज्यो आम्बर, धरती, सागर अर पाणी का सोता न्अ बणायो छ।”
फेर तीसरो सरगदूत नंद्या अर पाणी का झरणा माळ्अ खुदको कटोरो उन्दा दियो। अर वे लोई मं बदलगा
आम्बर का तारा धरती माळ्अ अस्यान पड़गा जाण्अ जोरकी आंधी मं हालबा सुं अंजीर का काचा फळ पड़जाव्अ छ।
पेलो सरगदूत जस्यानई तुरी बजायो, तो लोई मं मलेड़ा गड़ा अर आग पैदा होई अर बान्अ नीच्अ धरती माळ्अ उछाळ'र फका दिया। जिसुं धरती को तीसरो हस्सो बळर भसम होगो। रूंखड़ा को तीसरो हस्सो बळगो अर सबळो हर्यो चारो बळगो।
अर जद्या पांचवो सरगदूत बीकी तुरी बजायो तो म आम्बर सुं धरती माळ्अ पड़तो एक तारो देख्यो। उन्अ बी चमनी की कुंची दी गई छी ज्यो पताळ मं उतरअ छ।
अस्यान च्यारू सरगदूता न्अ छोड़ दिया। वे उंई बगत बेई, उंई दन, उंई मिना अर उंई बरस बेई त्यार करर रांखेड़ा छा क वे सबळा मनखा मंसुं तीसरा हस्सा न्अ मार नाख्अ।
यां तीन महामारया सुं मतबल वांका मूंडा सुं नखळबाळी आग, धुंआ अर तज्याप सुं सबळा मनखा को तीसरो हस्सो मरगो।