ईसु खियो, अरअ अभागा खुराजीन, अर अभागा बैतसैदा ज्यो चमत्कार का काम थांक्अ मेईन्अ कर्या गिया छा, वे सूर अर सैदा मं कर्या जाता तो उण्डअ का मनख कद्या कांई टाट ओढर बानी लपेटर पचतावो करता अर मन बदललेता।
उंई बगत एक बड़ो भुकम्प आयो अर नगर को दसवो हस्सो ढसगो। बी भुकम्प सुं सात हजार लोगबाग मरग्या। अर ज्यो मरबा सुं बचग्या वे डरपर सरग का परमेसर की महमा की बड़ाई करबा लागग्या।