प्रकासित वाक्य 6:1 - चोखो समचार (ढुंढाड़ी नया नियम)
1 म देख्यो क उण्णेठो सात मोहरां मं सुं एक न्अ तोड़ दियो। उंई बगत म बा च्यारू जीवता जीवां मं सुं एक न्अ बादळो गाजबा की जस्यान आवाज मं खेतो सुंण्यो, “आजा।”
फेर परमेसर को मन्दर ज्यो सरग मं छ खोल्यो गियो अर उण्डअ करार की सन्दूक दीखी। फेर बिजळी चमकबा लागगी, उंका कड़कबा की आवाज, बादळा का गाजबा की आवाज अर भूकम्प आबा लागगो अर मोटा-मोटा गड़ा पड़बा लागगा।
फेर म सरग सुं एक जोरकी आवाज सुण्यो, बीकी आवाज जोरदार पाणी बेबा की जस्यानकी छी या फेर जोरका बादळा की गाज की जस्यान छी। ज्यो जोरकी आवाज म सुण्यो छो बा घणीसारी सारंग्या की आवाज की जस्यानकी छी।
फेर म एक घणी जळा की आवाज सुण्यो, ज्यो जोरका पाणी अर बादळा का गाजबा की जोरदार आवाज की जस्यानकी छी। लोगबाग खेर्या छा, “परमेसर की जै हो! क्युं क आपणो परबु परमेसर सर्वसक्तिमान राज करअ छ।
जद उण्णेठो तीसरी मोहर न्अ तोड़यो तो म तीसरा जीवता जीव न्अ खेतो सुण्यो, “आजा।” जद म देख्यो तो म्हारअ साम्अ काळो घोड़ो ऊबो छो। बीका सवार का हाथा मं एक ताकड़ी छी।