9 जद ये जीवता जीव बी जुग-जुग जिन्दा रेबाळा की महमा, आदर और धन्यवाद करर्या छा ज्यो सिंहासन माळ्अ बेठ्यो छो तो
ई बजेसुं ज्यो बीकी लार परमेसर कन्अ आव्अ छ वो बाको पूरो-पूरो उद्धार कर सक्अ छ क्युं क वो वाक्अ ताणी परमेसर सुं अरदास करबा क ताणी सदाई जीवतो छ।
अर अण्डअ तो वे याजक दसवो हस्सो लेव्अ छ ज्यो मरबाळा छ। पण उण्डअ मलिकिसिदक लेव्अ छ जिकी गुवाई सास्तर देव्अ छ क वो जिन्दो छ।
अर म बोई छु जिकन्अ जन्दगी छ। म पेली मरगो छो, पण देख अब मं जुगजुग जिन्दो छु। म्हारअ कन्अ मोत अर पताळ की कुच्या छ।
अर ज्यो जुग-जुग जीवतो छ, ज्यो धरती अर आम्बर की सबळी चीजान्अ, धरती अर धरती माळ्अ की अर सागर अर ज्योबी बीम्अ छ, बा सबकी रचना कर्यो छ, बी परमेसर की सोगन खार वो सरगदूत खियो, “अब और साउटी बार कोन लाग्अली।
फेर बा च्यारू जीवता जीवां मंसुं एक बा सातू सरगदूता न्अ सोना का कटोरा दियो, ज्यो जुग-जुग रेबाळा परमेसर का रोष सुं भरेड़ा छा।
ज्यो सिंहासन माळ्अ बेठ्यो छो, वो बोल्यो, “अब म सबळी चीजा नुई बणा देऊ छु।” फेर वो बोल्यो, “ईन्अ माण्ढ ले, क्युं क ये बचन बस्वास क्अ लायक अर सांचा छ।”
अर फेर झठदाणी पवितर-आत्मा मन्अ उपरअ उठा'र लेग्यो। मन्अ म्हारअ साम्अ सरग को सिंहासन दिख्यो जी माळ्अ कोई बेठ्यो छो।
यां च्यारू ई जीवता जीवां क छ: छ: पांखड़ा छा। बांक्अ च्यारूमेर अर पांखड़ा क मायन्अ बी आंख्या ई आंख्या भरी पड़ी छी। वे दन रात खेव्अ छा, “सर्वसक्तिमान परबु परमेसर पवितर छ, पवितर छ, पवितर छ, ज्यो पेली छो, ज्यो अबार छ अर ज्यो आबाळो छ।”
फेर म देख्यो क ज्यो सिंहासन माळ्अ बेठ्यो छो, बीका जीवणा हाथ मं गोळ समटेडी एक कताब छी। बीक्अ दोनी ओड़ी लिखेड़ो छो। अर बा सात मोहर लगार बन्द करेड़ी छी।
वे डुंगर अर पटापड़ा सुं खेर्या छा, “म्हाक्अ माळ्अ पड़जावो अर वो ज्यो सिंहासन माळ्अ बेठ्यो छ उसुं अर बी उण्णेठा का रोस सुं म्हान्अ लुखाल्यो।
ई बजेसुं अब ये परमेसर का सिंहासन क साम्अ उबा होर बीका मन्दर मं दन रात बीकी आराधना करअ छ। ज्यो सिंहासन माळ्अ बेठ्यो छ वो वाक्अ मायन्अ रेताहोया बाकी रक्ष्या करअलो।