फेर म आत्मा सुं भरग्यो अर वो दूत मन्अ उजाड़ मं लेगो जण्ढ्अ म बी लुगाई न्अ लाल रंग का अस्या ज्यानबर माळ्अ बेठेड़ी देख्यो ज्यो परमेसर की नन्दा का सबदा सुं भरेड़ो छो। बी ड़रावणा ज्यानबर क सात माथा अर दस सींग छा।
फेर म सुण्यो क सरग की, धरती माळ्अ की, पताळ की, समून्दर की, सारी रचना; हां, बी सबळा ब्रह्माण्ड का हर जीव खेर्या छा, “ज्यो सिंहासन माळ्अ बेठ्यो छ उंकी अर उण्णेठा की बढ़ाई, आदरमान, महमा अर पराक्रम जुग-जुग रेव्अ।”