जीक्अ कान होव्अ, वो सुणले क आत्मा बस्वास्या की टोळी सुं कांई खेव्अ छ। ज्यो जय पाव्अलो, म बीन्अ परमेसर का बाग मं लागेड़ा जन्दगी का रूंखड़ा को फळ खाबा को अधिकार देऊला।”
“म, ईसु खुद, थां लोगा बेई अर बस्वास्या की टोळी बेई या बाता की गुवाई देबा बेई खुदका सरगदूत न्अ खन्दायो छु। म दाऊद का बंस को छु। म सुवारअ को चमकतो तारो छु।”