2 साउचेत रेवो! अर ज्यो बाकी छ बीन्अ पूरी तरा मटबा सुं पेली, पाको करल्यो क्युं क म म्हारा परमेसर की नजरा मं थारा कामा न्अ पुरा कोन पायो।
वे खुदका सबळा काम दूसरा मनखा न्अ दखाबा बेई करअ छ वे खुदका ताबीजा न्अ चोड़ा अर लत्ता की झालर्या न्अ चोड़ी जिसुं करअ छ क लोग वान्अ धर्मात्मा जाण्अ।
“जिसुं सावधानर्यो। क्युं क थे न्अ तो उं दन न्अ जाणो अर न्अ उं बगत न्अ ज्दया मनख को छोरो पाछो आवलो।”
ज्दया सबळी कुंवारी छोर्या उठी अर अपणा-अपणा दिया न्अ तियार करबा लागगी।
उण्डअ थोड़ा दन रिया पाछ्अ बासुं बिदा लियो अर गलातिया अर फ्रूगिया का छेत्रा मं एकठार सुं दूसरी ठार यात्रा करता होया सबळा बस्वास्या का बस्वास न्अ गाढ़ो करबा लागग्यो।
वा बगत सांकड्अ छ जद्या सबळी सृष्टी खतम हो जाव्अली, जिसुं थे खुद प्अ काबु रांखर परातना बेई साउचेत रेवो।
साऊचेत रेवो, जागता रेवो, क्युं क थांको बिरोधी सेतान घुर्राबाळा नार की जस्यानई ताक मं रेव्अ छ क कद्या कुण न्अ फाड़ खाव्अ।
“देखो! म छान्असीक आर्यो छु। वो धनै छ ज्यो जागतो रेव्अलो अर खुदका लत्ता की रुखाळी करअलो क बीन्अ नागो होर सरमिन्दा कोन होणो पड़अ।”
पण मन्अ थारा बिरोध मं या खेणी छ क म्हारअ बेई थारो परेम पेली जस्यान को कोन रियो।
“सरदीस का बस्वास्या की टोळी का सरगदूत न्अ या माण्ढ। जी कन्अ परमेसर की सात आत्मा अर सात तारा छ वो अस्यान खेव्अ छ, म थारा कामा न्अ जाणू छु, लोगबाग खेव्अ छ क थे जीवता छो पण सांच्याई मं मरेड़ा छो।
ई बजेसुं ज्यो बचन तन्अ सुणायो अर सखायो गियो छ बीन्अ याद कर। बीन्अ मान अर थारा पापा सुं पाछो फरजा। तु चेत्अलो कोन तो म चोर की जस्यान आजाऊलो। अर जी बगत मं म आंउलो बीन्अ तु कोन जाण पाव्अलो।