12 ईसु खियो, “देख, म बेगोई आर्यो छु अर खुदकी लार थां बेई ईको फळ ल्यार्यो छु। ज्यो जस्यानका काम कर्यो छ, म उन्अ वस्यान को फळ देऊलो।
मनख को छोरो सरगदूता की लार खुदका परम-पिता की महमा की लार आबाळो छ ज्यो सबन्अ वांका करमा को फळ देव्अलो।
आपा म सुं हरेक न्अ परमेसर क साम्अ खुदको हिसाब देणो पड़लो।
अर ज्यांका काम उं निम प टक्या रेव्अला वान्अ मजुरी मल्अली।
वो ज्यो बाव्अ छ अर ज्यो पाणी पाव्अ छ, दोन्या को बच्यार एक जस्यान को छ। जिसुं हरेक खुदका काम की मजुरी पाव्अलो।
गेर यहूदी रोष मं भरग्या, पण अब थारा रोष की बगत छ। अर न्याऊ की बगत आगी। क मरेड़ा को न्याऊ हो सक्अ। अर बगत आगी क थारा सबळा सेवक ईनाम पाव्अ सबळा परमेसर की ओड़ी सुं बोलबाळा, थारा सबळा लोगबाग अर थारो आदर करबाळा सबळा, छोटा-बड़ा ईनाम पाव्अ। अर धरती न्अ बगाड़बाळा न्अ खतम कर्यो जाव्अ।”
म बीकी मानबाळा न्अ बी मार नाखूलो अर बस्वास्या की सबळी टोळ्यां न्अ तोल पड़ जाव्अलो क म बोई छु ज्यो लोगबागा का मन अर बुद्धि न्अ जाणू छु। म थां सबळा न्अ थांका करमा जस्यो फळ देऊलो।
फेर म सबळा छोटा-बड़ा मरेड़ा न्अ सिंहासन क्अ साम्अ उबा देख्यो। अर कताबा खोली गई। फेर एक ओर कताब खोली गई मतबल “जन्दगी की कताब”। अर जस्यान बां कताबा मं लिख्यो गियो छो वस्यानई वांका कामा की जस्यान बाको न्याऊ कर्यो गियो।
ईसु मसी यां बाता को गुवा छ अर वो खेव्अ छ, “हां! म बेगोई आर्यो छु।” अस्यान ही होव्अ। ह परबु ईसु, आ!
ईसु खियो, “सुणो, मं बेगोई आर्यो छु! धनै छ वे ज्यो ई कताब मं मण्ढेड़ी परमेसर की ओड़ी की बाता न्अ मान्अ छ।”
म बेगोई आर्यो छु। थां कन्अ ज्योबी छ, बीन्अ संभाळर राखो जिसुं क थांकी जीत का मुकुट न्अ कोई थासुं कोन कोस ले।