उंको मालिक उन्अ खियो, ‘स्याबास! तु चन्याक मं भरोसो करबा जस्यान को बस्वासहाळो चोखो नोकर छ, म थन्अ ओर सावटा को अधिकार द्युलो। माईन्अ जार म्हारी खुसी मं भेळ्अ होजा।’
फेर परबु खेव्अ छ, क ज्यो करार म बा दना क पाछ्अ इजरायल्या की लार करूलो बा या छ क, म म्हारा निमा न्अ बांका मन मं बसाऊलो, अर बांका हीया माळ्अ मांडूलो, अर म बांको परमेसर होऊलो अर वे म्हारा लोगबाग होव्अला।
जीक्अ कान होव्अ, वो सुणले क आत्मा बस्वास्या की टोळी सुं कांई खेव्अ छ। ज्यो जय पाव्अलो, म बीन्अ परमेसर का बाग मं लागेड़ा जन्दगी का रूंखड़ा को फळ खाबा को अधिकार देऊला।”
फेर म सिंहासन मंसुं एक जोरकी आवाज न्अ या खेती सुण्यो, “अब परमेसर को घर मनखा क्अ बीचम्अ छ अर वो बाकी लार रेव्अलो। अर वे बीकी परजा होव्अला अर खुद परमेसर बाको परमेसर होव्अलो।